- 20 Posts
- 10 Comments
दो अलग अलग मैटरियल के छोटे छोटे मॉलिक्यूल के बीच लगने वाले आकर्षण बल को हम आसंजक बल या Adhesive force कहते है । यहीं कारण है कि वो मॉलिक्यूल एक दूसरे से चिपके रहते है चाहे वो एक दूसरे से क्वालिटी, नेचर , साइज या शेप में कितने ही अलग क्यों ना हो । पीछे की डेस्क से चार डेस्क छोड़कर एक कोने में खोमोश बैठे साहिल ने एकदम से खड़े होकर प्रोफेसर से सवाल किया सर क्या ये एडहेसिव फोर्स दो अलग अलग स्वभाव के इंसानों पर भी काम करताहै? प्रोफेसर योगीनाथ ने जवाब में बस इतना ही कहां साहिल हम ..matter यानी की द्रब्य और एनर्जी यानी उर्जा के बीच होने वाले एक्शन और रिएक्शन की स्टडी करते है । तुम समझदार हो इस लिए एक इशारा देता हू कि बाबा भौतिकी कहते है कि जहां भी ये दोनो चीजे होगी ये फोर्स काम करेगा …क्योंकि कायनात के हर एक कण के होने कारण भी यहीं मैटर और एनर्जी है और हम इंसान भी तो इसी दो पदार्थो के बने जीते जागते पूतले है। प्रोफेसर की बात सुनकर साहिल अपनी बैंच पर बैठ गया लेकिन सवाल तो ये उठता है कि सीधे सादे लेकिन सधे हुए साहिल के मन में ये सवाल क्यों आया। जवाब समझने के लिए हमे तो बस प्रोफेसर योगीनाथ के होने वाले लेक्चर से पहले के टाईम में जाना होगा जब साहिल कॉलेज कैंपस मै बैठा अपने दोस्तो से बाते कर रहा होता है कि तभी एक पीले पंखो से सजी खुबसूरत चंचल सी तितली उसके दाहिने कधे पे आ बैठती है ।साहिल अपने सर को पीछे कंधे की तरफ घूमाता है कि तितली उड़ान भर लेती है और साहिल के नजरों में एक चेहरा नजर आता है और कानों में छनछन करती पायल की गुंज सुनाई देती है । साहिल का खामोश दिल गुमसुम … होकर उसी चहरे को तबतक निहारता रहता है जबतक आखों से वो चेहरा ओझल नहीं हो जाता । उसे पहली बार उस एडहिसव फोर्स का अहसास हो रहा था है जिसके बारे में आज प्रोफेसर योगीनाथ लेक्चर देने वाले थे । कौन है ये खुबसूरत तितली सी लड़की ? कौन है ये साहिल? कैसा है ये फोर्स जो दो दिलों के बीच ही काम करता है। मेरी अगली कहानी में ये सारे किरदार क्या असर दिखाए गे ये तय करना आपका काम है मै तो बस असर पैदा करना चाहता हू आपके दिलों में । जल्द ही लेकर आओगा आपके बीच एक और कहानी स्मृत कुमार
Read Comments