Menu
blogid : 14524 postid : 1105318

प्रधानमंत्री मोदी और मार्क जुकनबर्ग

smrit
smrit
  • 20 Posts
  • 10 Comments

प्रधानमंत्री मोदी और मार्क जुकनबर्ग की बातचीत एक युवा देश और एक युवा की बातचीत थी। जो प्रधानमंत्री मोदी की हिंदी, अंग्रेजी, फारसी उर्दू को अलग अलग सुन रहे है, उन्हें कुछ नहीं समझ आएगा। कुछ लोग है भी ऐसे जिन्हें सच में कुछ नहीं समझ में आएगा और वो वहीं पुरानी बात कहेगे मोदी ये वो ऐसा वैसा जैसा तैसा … जिसका कोई अर्थ नहीं निकलता।
हम भारतीय है हमेशा से कई धर्म, संस्कार और भाषा के साथ जीते आ रहे है। हम सदियों से एक साथ कई बोली, भाषा को बोलने का और समझने का हुनर ​​जानते है। इसी गुण की झलक हमारे प्रधानमंत्री ने भी सारी दुनिया को दिखा दी। अब कुछ मेरे भाई कहेगे की दूनिया की आफिसयल लंग्वेज अंग्रेजी है इस बात को मानने का दिल तो नही करता पर अभी के लिए मान लेता हू। पर मेरे भाई ये देश आजकल एक नयी लैंग्वेज हिग्लिश (हिंदी प्लस इग्लिश विद रिजनल लैग्वेज) भी बहुत तेजी से बोल रहा है और ऐसा ना हो की ब्रिटिश इग्लिश और अमेरिकन इग्लिश के साथ ये हिंग्लिश भी वल्ड आफिसियल लैग्वेज बन जाए। फीर गुरू तब तुम्हारा क्या होगा? हम तो बोल रहे है तुम क्या एक साथ इतना सबकुछ बोल और समझ पाउगे?

images

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply